सुसाइड के मामले में महाराष्ट्र की कोर्ट का अहम फैसला (सांकेतिक)
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महाराष्ट्र की एक अदालत ने कहा है कि ब्रेकअप के बाद आत्महत्या करने का मामला सुसाइड के लिए उकसावे का नहीं माना जा सकता। जस्टिस एनपी मेहता ने 29 फरवरी को पारित फैसले में मनीषा चुडासमा और उनके मंगेतर राजेश पंवार को बरी कर दिया। दोनों पर नितिन केनी को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप था। अदालत ने कहा कि किसी की इच्छा और पसंद के अनुसार पार्टनर बदलना ‘नैतिक रूप से गलत’ है। हालांकि, रिश्ते में अस्वीकृति का सामना करने वाले व्यक्ति के लिए देश के दंडात्मक कानून के तहत कोई उपाय नहीं हैं।