पालीगंज थाना की पुलिस ने केस के आरोपियों में से एक निखिल को गिरफ्तार कर लिया।
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यह कहानी एक ऐसे भाई बहन की है, जिसने पुलिस को परेशान कर दिया। उत्तराखंड और महाराष्ट्र भाई-बहन के खिलाफ केस चल रहे। हालांकि, उत्तराखंड पुलिस ने इनमें से एक (निखिल भारद्वाज) को पटना के पालीगंज से गिरफ्तार कर लिया है। स्वाति शादीशुदा है। इतना ही नहीं निखिल भारद्वाज और स्वाति कुमारी के माता पिता भी दो साल पहले जेल गए थे। फिलहाल स्वास्थ्य कारणों से माता-पिता बेल पर बाहर हैं। इन चारों के खिलाफ मारपीट, उत्पीड़न, संपत्ति हड़पने, फर्जीवाड़ा समेत कई केस दर्ज हैं।
पालीगंज के एक गांव से गिरफ्तार निखिल हुआ गिरफ्तार
बताते चलें कि गया के राजेंद्र पथ निवासी मिथिलेश कुमार शर्मा, उनकी पत्नी सुमन कुमारी, पुत्र निखिल भारद्वाज और पुत्री स्वाति कुमारी पर कई मामले दर्ज हैं। सूत्र बताते हैं कि स्वाति पर पुणे, मुम्बई हरिद्वार और कपूरथला में केस चल रहे हैं। 28 अप्रैल 2022 को हरिद्वार की पुलिस ने बिहार के गया से मिथिलेश कुमार शर्मा और उनकी पत्नी सुमन कुमारी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। वहीं मिथिलेश कुमार शर्मा के पुत्र निखिल कुमार भारद्वाज को हरिद्वार पुलिस 2 दिन पहले पालीगंज के एक गांव से गिरफ्तार कर लिया था, जबकि उनकी बेटी स्वाति कुमारी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है।
हरिद्वार कोर्ट का फर्जी डिसीजन पेपर तक बना लिया था
सभी अभियुक्तों पर हरिद्वार के एक थाना में 48/ 2020 के तहत मामला दर्ज हैं। इन पर आईपीसी अन्तर्गत 420, 466, 468 , 471 और 120 (बी) की धाराएं दर्ज है। चारों नामजद अभियुक्त पर हरिद्वार जिला कोर्ट में 2020 से यह मुकदमा चल रहा है। इस मामले में निखिल और स्वाति कुमारी मुख्य अभियुक्त है। अभियुक्तों पर हरिद्वार कोर्ट का फर्जी डिसीजन पेपर बनाने, जज का नकली हस्ताक्षर करने और कोर्ट का फर्जी मुहर बनाकर दूसरे कोर्ट में जमा करने का आरोप है। कोर्ट के आदेश पर बिहार और सिडकुल थाना (हरिद्वार) पुलिस ने संयुक्त रूप से 30 दिसंबर की मध्य रात्रि में छापा मारकर अभियुक्त निखिल भारद्वाज को गिरफ्तार किया।