शरद पवार और उन्हें मिला चुनाव चिह्न तुरही बजाता इंसान
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महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार लोकसभा चुनाव 2024 में विपक्षी दलों के गठबंधन की धुरी की तरह माने जा रहे हैं। भले ही पवार की पार्टी निर्वाचन आयोग की तरफ से मिले नए चुनाव चिह्न के साथ आगामी चुनावों की तैयारियों में जुटी है, लेकिन उनके चुनाव चिह्न के कारण महाराष्ट्र के कलाकारों का एक तबका चिंतित है। दरअसल, पवार खेमे को निर्वाचन आयोग ने तुहरी बजाने वाले इंसान का चुनाव चिह्न दिया है। ताजा घटनाक्रम में महाराष्ट्र के तुरही बजाने वाले कलाकार इस बात को लेकर चिंतित हैं कि चुनावी माहौल में उनकी आमदनी प्रभावित हो सकती है। ऐसा आदर्श आचार संहिता के कारण होने की आशंका है।
तुरही का इस्तेमाल और सियासत की आशंका
छत्रपति संभाजीनगर में पारंपरिक वाद्ययंत्र बजाने वाले तुरही वादकों को धंधा चौपट होने का डर है। आम चुनाव और शादी का सीजन एक ही समय होने के कारण उन्हें इस बात की आशंका है कि शायद उन्हें शादियों एवं अन्य कार्यक्रमों में ‘तुरही’ बजाने के काम पर नहीं रखा जाएगा। बता दें कि तुरही अंग्रेजी के ‘सी’ अक्षर की शक्ल में होती है। मेहमानों का स्वागत करने के लिए इसे बजाया जाता है। पहले तुरही राजाओं के आगमन पर बजाया जाता था।
धंधा चौपट होने की आशंका से जूझ रहे तुरही कलाकार
तुरही बजाने वाले कलाकारों के पेशे से जुड़े जयसिंह होलिये के मुताबिक यह पारंपरिक वाद्ययंत्र है। महाराष्ट्र में शादी और दूसरे समारोहों में इसका इस्तेमाल बड़े पैमाने पर होता है। उन्होंने कहा, इस साल लोकसभा चुनाव और शादी का सीजन एक ही समय पर होने के कारण हमें डर है कि इस साल हमारा धंधा चौपट न हो जाए।